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jadui machhli ki kahani hindi mein - (जादुई मछली की कहानी)

jadui machhli ki kahani hindi mein - (जादुई मछली की कहानी)

jadui machhli :-

Video source- youtube|video by- JM Tv

jadui machhli :-


गौशाला राज्य में नंदू, चंदू और आनंद नाम के तीन बहुत ही पक्के मित्र रहते थे, नंदू और चंदू बहुत ही धनवान थे, लेकिन आनंद बहुत ही गरीब था, नंदू और चंदू को अच्छा नहीं लगता था, कि उनका दोस्त आनंद गरीब है।

एक दिन नंदू, चंदू से कहता है, कि मित्र चंदू, आनंद को भी व्यापार करना चाहिए। हमें उसकी मदद करनी चाहिए, ताकि वह व्यापार कर सके और खुशहाली जीवन जी सके, चंदू कहता है, कि हां मित्र तुम सही कह रहे हो, हमें उसकी मदद करनी चाहिए।

अगले दिन

चंदू आनंद को 100 सोने के सिक्के व्यापार करने के लिए दे देता है और कहता है, कि आनंद यह लो 100 सोने के सिक्के, तुम इससे व्यापार करना और खुशी-खुशी जीवन जीना।

आनंद ने उन पैसों को ले लिया और उनमें से 10 सोने के सिक्कों से उसने व्यापार के लिए जरूरी सामान लिए और 90 सिक्कों को वह अपने घर में तो नहीं छुपा सकता था, क्योंकि उसका घर बिल्कुल ही छोटा था और उस सोने को वह अपनी पगड़ी में दबा कर रख कर रास्ते पर चल रहा था।

तभी एक पक्षी आया और उसने सोचा कि इसके पगड़ी में कुछ खाने का होगा और फिर उस पोटली को उठा लेता है और और वहां से उड़ जाता है।

फिर एक दिन नंदू और चंदू, आनंद को देखने के लिए गए, कि उसका व्यापार कैसे चल रहा है, लेकिन वहां जाने पर पता चला कि वह अभी भी गरीब है और उससे पूछने पर उसने सारी घटना दोनों को बता दी, परंतु नंदू को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ और चंदू को उसके बाद पर विश्वास हो गया।

चंदू ने उस पर भरोसा करके 100 सोने के सिक्के और दे दिए और कहा इसे अच्छे से संभाल कर व्यापार करना। आनंद ने फिर से वही किया उसने 10 सोने के सिक्कों से सामान खरीदें और 90 सोने के सिक्कों को टोकरी में छुपा कर रख दिए।

और जब वह सामान खरीद कर वापस आता है, तब तक उसकी पत्नी उस टोकरी को बेचकर आटा ला लेती है, फिर से आनंद अपनी बुरी किस्मत को कोसते हुए कुछ नहीं कर पाता।

जब

नंदू और चंदू आते हैं, तो उसे फटे कपड़ों में गरीबी अवस्था में देख उससे पूछते हैं आनंद फिर से पूरी घटना उन्हें बता देता है, इस बार चंदू ने उसके फटे कपड़ों को देखकर उसे एक सुई दे देता है।

और उसी सुई से आनंद अपने कपड़ों का सिलाई कर लेता है और अगले दिन आनंद के घर में एक  मछुआरी आती है और कहती है, कि मेरा जाल फट गया है, तुम्हारे पास अगर सुई है, तो मुझे दे दीजिए, मेरी जाल में पहली मछली फसेगी उसे मैं आपको दूंगी।

आनंद

की पत्नी मान जाती है और उसे सुई दे देती है, उसके बदले में उस मछुआरे ने उसे एक मछली दिया, जब आनंद की पत्नियों से पकाने के लिए काटती है, तो उसमें से एक हीरा निकलता है।

उसी हीरे को लेकर उसके बच्चे खेलने के लिए निकल जाते हैं , पास से एक हीरो का सौदागर गुजर रहा था, उसने उस हीरे को लेकर आनंद के पास गया और उससे सौ सोने के सिक्के में खरीदने की बात किया । आनंद सोचा कि यह अवश्य बहुत ही कीमती होगा।

उसने हीरे को बेचने से मना कर दिया और फिर उसके को लेकर नगर की ओर निकल पड़ा, उसने हीरो के एक साथ और सौदागर से उस हीरे के बदले 20000 स्वर्ण मुद्राएं मिली, उस सोने के सिक्के से उसने एक अच्छा सा घर, पशु, और एक मूर्ति बनाने का मशीन खरीदा।

फिर उसका व्यापार अच्छे से चलने लगा और वह अमीर बन गया, उसी धनवान बना देख उसके दोस्त मिलने आए और फिर उससे आनंद अपने साथ सारी घटनाएं को अपने दोस्तों को सुना देता है, लेकिन नंदू को अभी भी विश्वास नहीं होता, कि वह एक छोटी सी सुई से ही इतना धनवान बन गया।

फिर वे उसके वे तीनों उसके बगीचे को और गौशाला को घूमने के लिए जाते हैं, उसके बगीचे में एक पेड़ पर उस चिड़िया ने उन 90 सिक्कों को छुपा कर रखा था।

और गौशाला में उसके नौकर ने जिस टोकरी से गाय को चारा खिला रहा था उसी टोकरी से उसे कुछ स्वर्ण मुद्राएं मिले उसे अच्छे से देखने पर उसमें से भी 90 स्वर्ण मुद्राएं मिल गई। उसे देखकर नंदू को भी विश्वास हो गया, कि एक छोटी सी सुई ने ही सही समय पर उसे अमीर बना दिया।

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