kahani: सोने का चूहा हिंदी कहानी वीडियो
kahani: सोने का चूहा हिंदी कहानी वीडियो
हिंदी कहानी
एक दिन सीतापुर गांव में एक शंकर नाम का लड़का काम की तलाश में आया और एक जगह बैठा, वहां दो व्यक्ति बात कर रहे थे।पहला व्यक्ति कहता है,कि कोषाध्यक्ष जी आपने इस राज्य के उत्तरदायित्व से इस राज्य को धनी बना दिया है, आप का रहस्य क्या है?
दूसरा व्यक्ति कहता है,कि इसमें कोई रहस्य नहीं है, हम किसी भी वस्तु के साथ व्यापार कर सकते हैं, मरे हुए चूहे के साथ भी व्यापार कर सकते हैं ऐसा कह कर वह दोनों वहां से चले गए।
उतने में शंकर चूहे को हाथ में लेकर सोचता है कि इस मरे हुए चूहे का कैसे व्यापार करेंगे, इतने में वहां एक बिल्ली आई और म्याऊं म्याऊं करने लगी।
बिल्ली का मालिक आया और शंकर से उस चूहे को ₹1 में खरीद लिया, फिर उस पैसे को लेकर वह गुड खरीदा और घड़े में गुड़ पानी लेकर गांव के बाहर लेकर बैठ गया।तभी कुछ लोग फूल की टोकरी के साथ वहां आए।
शंकर कहता है,कि लगता है आप लोग थक गए हैं यह लोग गुड़ का पानी पी लीजिए।
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फूल वाले ने खुश होकर उसे कुछ फूल दिए उन फूलों को शंकर, मंदिर के बाहर दुकान में बेचा, तो उसे ₹10 मिले इस तरह कुछ दिन काम करके शंकर ने कुछ पैसे बटोर लिये।
एक दिन शंकर कांवर लेकर जा रहा था उसे कुछ किसान दिखे तो उसने कहा किसान भाइयों यह लोग गुड़ का पानी पियो थकान दूर हो जाएगी और किसान पानी पीने लगे।
किसानों ने कहा बेटा तुम्हें देने के लिए हमारे पास पैसे नहीं है, पर तुम जो मदद मांगोगे हम देने के लिए तैयार हैं, शंकर कहता है,कि कोई बात नहीं जब जरूरत होगी तब बता दूंगा ऐसा कहकर वह वहां से चला गया।
एक दिन जब शंकर जा रहा था तो भारी तूफान आया कुछ पेड़ भी गिर गए, तभी एक आदमी आया और कहता है बेटा मेरे मालिक ने इन सब पेड़ों को यहां से हटाने के लिए कहा है, मैं अकेला इसे नहीं कर सकता क्या तुम मेरी मदद करोगे।
शंकर कहता है,कि क्या इसके बदले मैं यह सारी लकड़ियां ले सकता हूं अगर आपको ऐतराज ना हो तो, वह व्यक्ति सारे लकड़ियों को उसे देने के लिए तैयार हो जाता है और शंकर एक गाड़ी किराया करके सारी लकड़ियों को एक लकड़ी के व्यापारी के पास भेज देता है, इसके बदले में उसे ₹10 हजार मिले।
एक दिन दो व्यक्ति बात कर रहे थे कि गांव में घोड़ों की हॉट लगने वाली है,अभी तक उसे घोड़ों के लिए घास नहीं मिली है।
यह सुन शंकर गाड़ी लेकर उन किसानों के पास जाता है और घास की कुछ ढेर मंगता है, फिर उस घास को लेकर वह संचालक के पास चला जाता है और कहता है कि मैं आपको घास दे सकता हूं मुझे ₹5हजार चाहिए संचालक उसे ₹10हजार तक देने को तैयार हो जाता है।
फिर एक दिन शंकर लोगों को बात करते सुनता है,कि गांव में एक माल से भरी जहाज आने वाली है वह सुबह ही जाकर नदी के किनारे खड़ा हो जाता है और जैसे ही नाव आती है,उसमें से एक आदमी आता है और शंकर उससे कहता है,कि भैया मैं आपकी सारी माल खरीदने के लिए तैयार हूं ।क्या आप मुझे बेचेंगे ?, वह व्यापारी तैयार हो जाता है।
फिर थोड़ी देर में वहां और भी व्यापारी नाव के पास जाते हैं और घटना को सुनते हैं तो फिर शंकर के पास माल खरीदने चले जाते हैं इससे शंकर को ₹2लाख का मुनाफा होता हैं।
अब शंकर मन ही मन सोच रहा था,कि मैंने इतने कम समय में इतनी पैसे कमाए हैं इन सब का कारण वह कोषाधिकारी ही है मुझे उसे जाकर धन्यवाद कहना चाहिए।
फिर वह सोने का चूहा लेकर कोषाधिकारी के पास जाता है और कहता है,कि मैंने कम समय में आप ही के कारण अधिक धन कमाए हैं ऐसा कहते हुए कोषाधिकारी को भेंट दिया।
कोषाधिकारी कहता है,कि शाबाश शंकर तुमने अपने मन क्रम वचन और पूरी निष्ठा के साथ काम किया है इसलिए तुम्हें लाभ हुआ क्या तुम मेरी बेटी से शादी करोगे मुझे विश्वास है,तुम मेरे संपत्ति और मेरी बेटी की रक्षा करोगे।
फिर उन दोनों का शादी हो जाता है और वे दोनों खुशी से जीवन जीते हैं।
तो बच्चों आज की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि पैसे कमाने के लिए मेहनत लगन और साफ मन होना चाहिए।
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