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सोने का हाथी बच्चों की कहानियां, sone ka hathi kahani video mein


सोने का हाथी :-
Video source- youtube|video by- scooby tv

सोने का हाथी :-


किस्मतपुर नाम के गांव में एक शंकर नाम का एक गरीब किसान रहता था, वह अपने परिवार समेत उस गांव में रहता था।

एक दिन वह जंगल में लकड़ी काटने जा रहा था, तभी उसने एक पेड़ के पास एक सोन के हाथी को जाल में फंसा देखकर उसे छुड़ा देता है।

फिर उस सुनहरी हाथी ने शंकर से कहा कि दोस्त तुमने मेरी मदद की है, मैं भी तुम्हारा मदद करना चाहता हूं, मैं अपने इस सोने के शरीर से सोने का दांत तुम्हें दे देता हूं, तुम उसे बेचकर अपना जीवन जीना।

और अगर किसी चीज की जरूरत पड़ी तो मेरे पास फिर से आ जाना। हाथी शंकर को सुनहरे दांत दे देती है, उस दाँत को लेकर शंकर घर चले जाता है और उसे बेचकर अपने सारे कर्जे को चुका देता है।

अगले दिन


शंकर फिर से उस हाथी के पास जाता है और अपने जीवन में हुए सारी घटना को बता देता है और फिर सोने का हाथी से कहता है, कि तुम मुझे थोड़ा सा और सुनहरा दांत दे दो, फिर सोने का हाथी उसे अपनी सोने का दांत का टुकड़ा दे देता है।

ऐसा करते-करते धीरे-धीरे शंकर उससे अपना एक बड़ा सा घर बनवा लेता है और कोई काम नहीं करता, अपने दोस्तों के साथ दारू पीता था और अयाशियां करता था।

एक दिन


शंकर की पत्नी ने कहा, कि आप बहुत पैसा उड़ा रहे हो बच्चों की भविष्य के बारे में भी कुछ सोचिए। अब दिन भर अपने दोस्तों के साथ दारु पीते हो और आशियां करते हो काम वाम नहीं करते, जब भी पैसे की जरूरत पड़ती उस हाथी बिचारे के पास चले जाते।

अभी आप काम नहीं करते लेकिन जब कभी वह हाथी यहां से चला जाएगा, तब तो आपको काम करना ही पड़ेगा।

शंकर कहता है, कि अरे हां-हां तुमने गुस्से में भी सही बात कही है, अगर वह हाथी कहीं चला जाएगा, तो मुझे काम करना पड़ेगा। इससे अच्छा उसे मार कर मैं उसके सारे सोने रख लेता हूं।

फिर उसकी  पत्नी बच्चे सभी ने उसे कहा नहीं-नहीं उस हाथी को मत मारिए, नहीं तो पाप लगेगा यह तो सरासर धोखा होगा, वह आपका कितना मदद करता है। आप उसे ऐसा नहीं मार सकते।

इतने में ही वह हाथी चिल्लाते हुए शंकर के घर के द्वार तक ही पहुंच जाता है, और शंकर से कहता है, कि क्या दोस्त तुम मुझसे आजकल मिलने नहीं आ रहे हो, क्या हुआ मुझसे नाराज हो क्या ?

शंकर कहता है, कि नहीं नहीं दोस्त मैं तो तुम ही से मिलने आ रहा था आज और देखो तुम ही आ गए। दरअसल मैं घर के कामों में व्यस्त रहता था, इसलिए नहीं आ पा रहा था और फिर शंकर हाथी के दोनों दांत को कसकर पकड़ लेता है।

हाथी कहता है, कि अरे दोस्तों यह क्या कर रहे हो छोड़ो, छोड़ो मुझे। शंकर कहता है, कि नहीं छोडूंगा हर बार तुमसे मांगना पड़ेगा, इसलिए मैं तुम्हें मार दूंगा तो, तुम्हें कभी भी मांगना नहीं पड़ेगा और मैं सारा जीवन ऐसो आराम से जी सकूंगा।

हाथी को गुस्सा आ जाता है


और हाथी गुस्से में जोर से उसे बड़ी बहुत दूर तक फेकता है, दूर जाकर शंकर गिर जाता है।, फिर हाथी उसे अपने सूड़ में दबा लेता है और जैसे ही उसे मारने वाला होता है, कि उसकी पत्नी कहती है, कि नहीं-नहीं हाथी नहीं भाई, इसे हमारे लिए छोड़ दीजिए, यही हमारे लिए सब कुछ है।

शंकर के बच्चों ने भी हाथी से कहा कि हां-हां हाथी जी हमारे पापा को छोड़ दीजिए, जाने दीजिए मत मारिए इन्हें।

फिर हाथी शंकर से कहता है, कि ऐसा नीच इंसान मैंने कभी नहीं देखा। गलती मेरी ही थी, जो मैंने तुम जैसे इंसान की मदद की, मैं जंगल को छोड़कर जा रहा हूं, आज के बाद कभी भी किसी इंसान से दोस्ती नहीं करूंगा।

तो बच्चों आज की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए, लालच से हमेशा ही हमारा ही नुकसान होता है।

सोने का हाथी बच्चों की कहानियां, sone ka hathi kahani video mein

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