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sone ka ghoda hindi kahani video mein, सोने का घोड़ा कहानी


sone ka ghoda
video source- youtube|video by- scooby tv

मगध नाम के एक गांव का राजा अशोक वर्मा था, उसका एक बेटा था विवेक वर्मा अशोक वर्मा बहुत ही बूढ़े हो चुके थे ।वह अपने चरम अवस्था में थे।

1 दिन अशोक वर्मा ने अपने बेटे विवेक वर्मा को बुलाया और कहा कि हां बेटे अब तो मैं बूढ़ा हो चुका हूं। मेरे बाद यह राजकाज तुम्हे संभालना होगा, मैं तुम्हें एक रहस्य का बाद भी बताना चाहता हूं, हमारे किले के ईशान कोण में एक उड़ने वाला जादुई घोड़ा है।

उस पर जब भी कोई बैठता है, तो वह घोड़ा उड़ जाता है, लेकिन उड़कर केवल घोड़ा ही वापस आता है, उसमे बैठा व्यक्ति कभी भी वापस नहीं आता। तुम उस sone ka ghoda पर कभी मत बैठना, हमारे राज्य के कई सैनिक ऐसे ही गायब हो चुके हैं।

कुछ दिन बाद उनके पिता का देहांत हो जाता है, और फिर उनके जाने के बाद विवेक वर्मा को ही राज्य ल राज काज संभालना पड़ता है।

इच्छापुर के नाम के एक गांव में वीरू नाम का एक आदमी रहता था, वह किसान था, 1 दिन वह जब अपने खेत में काम कर रहा था, तब उसे उसके इसमें एक सोने का चाबी प्राप्त हुआ।

कुछ दिन बाद


 गांव में ढिंढोरा पीटा गया कि महाराज के पास एक sone ka ghoda है, जो उसमें सवारी करेगा, उसका युवरानी के साथ शादी किया जाएगा, अगर उससे कुछ घटना हो गई तो उससे राजा का कोई दोष नहीं होगा।

तभी एक आदमी वहां से गुजर रहा था और उसने महाराज से कहा, कि महाराज में घोड़े पर सवारी करने आया हूं। फिर महाराज ने कहा कि देखो जन अगर तुम्हें कुछ हो गया तो इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है, फिर वह आदमी कहता है कि हां हां महाराज में इसके बारे में पूरी जानकारी लेकर ही आया हूं, मुझे घोड़े की में सवारी करनी है।

फिर जैसे ही एक आदमी घोड़े पर बैठता है, घोड़ा आसमान में उड़ जाता है और जैसे ही वह बादलों के पार जाता है, वह अपने आगे के दोनों पैर को उठाता है, और फिर वह आदमी गिर जाता है, और फिर घोड़ा वापस चला जाता है।

उतनी ही समय में वीरू वहां आया और महाराज से विनती की, कि उसे भी एक मौका दें और फिर महाराज ने उसे एक मौका दे दिया, लेकिन कहा कि अगर तुम्हें तुम्हारा प्राण पसंद नहीं है, तो तुम जाओ इस घोड़ी पर बैठ जाओ।

और जैसे ही व घोड़े पर बैठता है, वह बादलों के पार उड़ जाता है और फिर से घोड़ा अपने आगे के दोनों पैर को उठाता है, जिससे वीरू घबरा जाता है, फिर थोड़ी देर में उसके गले में एक चाबी के आकार का छेद बना होता है, फिर उसे देखकर सोचता है, कि यह सोने का चाबी इसी छेद में लगेगा।

फिर

उस सोने की चाबी को छेद में लगा देता है और फिर घोड़ा कहता है, कि यह चाबी महाराज के पिता से गुम गई थी और ऋषि ने कहा था, कि यह चाबी जिसके पास भी मिलेगी मैं उसी का बात मानूंगा, तो यह चाबी आपके पास मिली। मैं आप का बात मानूंगा, आप बताइए क्या करना है।

वीरू कहता है, कि किला चलो और फिर वह sone ka ghoda उड़ते उड़ते उस किले में चले जाता है और फिर वहां पहुंचकर राजा को सारी बात बता देता है, फिर राजा वीरु को शाबाशी देता है और कहता है, कि अब हम इस घोड़े का उपयोग अच्छे कामों में करेंगे।

और फिर वीरू का युवारानी से शादी हो जाती है, वे दोनों अच्छे से जीवन अतीत करते हैं। और फिर वीरू एक अच्छा राजा बनता है।

हमे हमेसा सतर्क रहना चाहिए

sone ka ghoda
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