जादुई नारियल का पेड़ कार्टून कहानी (jadui nariyal ped kahani hindi mein)
जादुई नारियल :-Video source- youtube|video by- kahaniyan suno
जादुई नारियल
एक गांव में रामू नाम का एक आदमी रहता था, वह बहुत दयालु आदमी था ,वह नारियल का पानी बेचा करता था, वह प्रतिदिन एक बड़े से पेड़ के नीचे अपनी नारियल पानी का ठेला लगाता और नारियल पानी बेचता था, वह बहुत ही दयालु और ईमानदार था, इसलिए उसके ग्राहक कभी कम नहीं होते थे।रास्ते में सभी आने जाने वाले लोगों को नारियल का पानी पिलाता था, वह जब भी नारियल लाता था, उसके पूरे नारियल खत्म हो जाते थे और उन नारियल पानी से जो पैसा मिलता था, उससे वह अपने घर चलाता और दूसरों की मदद करता रहता था और ऐसा ही उसका जीवन चलता रहा।
एक दिन
हर रोज की तरह रामू उस दिन भी अपने नारियल पानी का ठेला लेकर उसी बड़े पेड़ के नीचे चला जाता है, वहां पर अपना ठेला लगा लेता है, उस दिन बाकी दिनों की अभी अपेक्षा ज्यादा गर्मी रहती है, तभी रामू देखता है, कि दूर से एक साधु महाराज आ रहे थे।साधु महाराज ने रामू से कहा कि बेटा मुझे प्यास लगी है, क्या तुम्हारे पास पानी है ? रामू कहता है, कि नहीं महाराज मेरे पास पीने के लिए पानी तो नहीं है, पर नारियल पानी है आप इसे ही पी लीजिए।
साधु महाराज कहते हैं, कि बेटा मेरे पास तुम्हारा नारियल पानी पीने के लिए पैसे नहीं है, रामू कहता है, कि कोई बात नहीं महाराज आप यह पानी पी सकते हो और फिर रामू नारियल का पानी उस साधु को दे देता है।
साधु नारियल का पानी पी कर खुश हो जाता है और रामू को एक जादुई नारियल का पेड़ देता है, और कहता है कि यह लो बेटा यह जादुई नारियल पेड़ है, इसे तुम इसके नारियल पानी को बेचकर तुम अपना संसार बसाना और दूसरों की भी मदद करना और फिर वह साधु वहां से चले जाता है।
शाम को
जब रामू उस नारियल पेड़ को लेकर घर जाता है, और उसी अपने बगीचे में ऊगा देता है, फिर अगले दिन जब वह सुबह उठकर अपने बगीचे में देखता है, तो छोटा सा नारियल का पेड़ एक ही दिन में बहुत बड़ा हो गया था और उसमें नारियल के फल भी लग चुके होते हैं।उन नारियलों को तोड़कर वह नारियल पानी बेचने के लिए चला जाता है, जब भी वह नारियल तोड़ता तुरंत ही उस नारियल पेड़ में उतने ही नारियल वापस आ जाते। ऐसे करते-करते वह बहुत अमीर आदमी बनते जा रहा था और वह गरीबों का भी मदद करता था, वह गरीबों को खाना बांटता, कपड़े बांटता, ठंड के दिनों में उन्हें साल बांटता।
उसी गांव में एक कपटी इंसान ईर्ष्या करने वाला एक आदमी रहता था, वह रामू के इस ऐश्वर्या को देखकर जलता था, उससे उसकी तरक्की को देख कर उसे ईर्ष्या होती थी।
एक दिन वह उसकी तरक्की का राज जानने के लिए उसके पीछे पीछे गया और जब रामू ने नारियल तोड़ा, तो उस पर उतने ही नारियल फिर से आ गए यह देखकर वह कपटी इंसान अचंभित हो गया।
फिर वह कपटी इंसान सोचता है, कि मैं इस पेड़ को अगर काट दूं, तो मैं इस गांव का अकेला अमीर आदमी बच जाऊंगा और रामू फिर से रास्ते पर आ जाएगा।
जैसे ही रामू नारियल पानी बेचने जाता है, वह कपटी इंसान कुल्हाड़ी लेकर नारियल पेड़ को काटने आ जाता है और जैसे ही वह पेड़ को काटता है, वह एक पत्थर की मूर्ति में तब्दील हो जाता है।
अगले दिन
जब रामू फिर से नारियल लेने आता है, तब वह मूर्ति को देखकर अचंभित हो जाता है, फिर मूर्ति से आवाज आती है, कि रामू मैं इस गांव का आदमी हूं, मैं तुम्हारी इस ऐश्वर्या से जलन के कारण इस पेड़ को काटना चाहता था, मुझे क्षमा कर दो।फिर रामू ने बड़ी विनम्रता के साथ उस पेड़ से कहता है, कि जादुई नारियल के पेड़ से क्षमा कर दो इसे अपनी गलती का एहसास हो गया है।
फिर उसे अपनी गलती का एहसास हो जाता है और वह रामू से क्षमा भी मांगता है और आइंदा ऐसी गलती कभी नहीं करता।
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जादुई नारियल का पेड़ कार्टून कहानी (jadui nariyal ped kahani hindi mein) |
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