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machli wala kahani, machhli wale ki kahani cartoon story in hindi

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video source- youtube| video by- Majedar kahani

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Kahani :- बंगाल की खाड़ी में मछुआरों का एक कस्बा था, वहां एक सांभा नाम का मछुआरा था, वह रोज समुंदर में जाकर जाल फेंक कर मछली पकड़ता था।

फिर पकड़े हुए मछलियों को टोकरी में भरकर मछलियों को बेचने जाता था।

1 दिन सांभा का बेटा नवीन शहर से लौटकर आया और नवीन कहता है, कि बापू मेरी शहर में नौकरी लग गई है, और सैलरी भी अच्छी है, कोई अच्छा सा जगह देखकर किराए से लेना पड़ेगा।

फिर सांभा कहता है, कि घर के रहते हुए किराए के घर में क्यों रहोगे बेटा, फिर नवीन कहता है, कि तुम क्या समझोगे बाबू जब मैं छोटा था तब सब मुझे मछुआरे का बेटा मछुआरे का बेटा कर कर चिढ़ाते थे।

फिर नवीन कहता है, कि यहां दुर्गंध है मैं यहां नहीं रह सकता।

फिर सांभा कहता है कि उसका तो मैं कुछ नहीं कर सकता, लेकिन बचपन में तुम्हें जी मेरे से जितना हो सके उतना पढ़ाया आज तुम्हें देखकर मुझे गर्व हो रहा है।

अगर तुम किराए के घर में रहना ही चाहते हो तो रहलो तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है, फिर नवीन वहां से चला गया।

एक दिन जब सांभर मछली लेकर लौटा तो नवीन घर पर था । फिर सांभर ने पूछा क्या हुआ बेटा ? तब नवीन ने कहा कि मेरी नौकरी छूट गई पापा, कंपनी घाटे में चलने के कारण कंपनी को बंद कर दिया गया और किराया न देने की पाने के कारण घर खाली करना पड़ा।

फिर सांभर कहता है कि अपने ही घर में रहने के लिए मुझसे पूछने की क्या आवश्यकता बेटा और वैसे भी तुम पढ़े-लिखे हो कहीं ना कहीं तो नौकरी मिल ही जाएगी।

वह प्रतिदिन नौकरी ढूंढने जाता और शाम को निराश होकर वापस लौटता था यह सब उसका बापू देखता था।

फिर नवीन कहता है, कि बापू मुझे नौकरी नहीं मिल रही है मुझे कुछ धंधा शुरु करना होगा लेकिन उसके लिए भी लागत के पैसे चाहिए क्या करूं समझ नहीं आ रहा है ।

फिर अगले दिन उसका बापू एक थैली में उसे ₹5लाख देता है और कहता है कि यह लो बेटे इसमें ₹5लाख है मैंने अपनी नाव जाल और घर सब कुछ बेच दिया है, तुम इन पैसों से अपना धंधा शुरू कर सकते हो।

फिर नवीन की आंखों में आंसू आ गया और वह अपने बाबू से कहता है कि आपने अपने प्यार से मेरे घमंड को चूर कर दिया बाबू, अब मुझे ना नौकरी चाहिए, ना ही धंधा। मैं आप ही के साथ मछली पकड़ लूंगा।

उस दिन से बाप-बेटे मछली पकड़ कर आराम से जिंदगी जीने लगे।

तो बच्चों हमें इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें मां बाप के कार्यों का सम्मान करना चाहिए ना कि उनकी अपमान करना चाहिए उनका अपमान करना बहुत बड़ा पाप होता है
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