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बाप को बेटे ने शिक्षा दी>hindi kahani>hindi kahani for kids

बाप को बेटे ने शिक्षा दी>hindi kahani>hindi kahani for kids


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Hindi kahani
बहुत पहले क्रांति पुर गांव में चमन नाम का एक बूढ़ा किसान रहता था, उसकी उम्र हो चली थी, इसलिए वह हमेशा खटिया पर ही बैठा रहता था। उसका बेटा पवन और बहु स्वर्णा उसकी देखभाल नहीं करते थे, उनके बेटे किरण को दादा जी बहुत प्यारे थे ।

एक दिन पवन क्या बाबू, तुम्हारी सेवा करते-करते मैं थक गया हूं । तुम्हारे इलाज के लिए दवाई खरीदते खरीदते पूरी संपत्ति बेचनी होगी। हाय रे, मेरी किस्मत ही फूट गई है ऐसा कहते हुए वहां से चला गया।

तब वहां उसका बेटा किरण आया और बोला फ़िक्र मत कीजिए दादा जी, मैं हूं ना । जो चाहिए मुझे कहो। मुझे समझ नहीं आता कि मेरे मां-बाप ऐसा बर्ताव आपके साथ क्यों करते हैं।

1 दिन सुवर्णा पवन से कहती है, कि अब मैं उस बूढ़े का और सेवा नहीं कर सकती। उसका कुछ करो नहीं तो अब मैं मायके चली जाऊंगी, आगे आपकी मर्जी।

पवन कहता है, कि मैं भी उस बूढ़े की मरने का इंतजार कर रहा हूं मैं उसके दवाइयों पर खर्च करके तंग आ गया हूं। तो फिर कल ही उस बुड्ढे से छुटकारा पाते हैं ठीक है।

यह सब बात किरण सुन रहा था।

अगले दिन पवन चमन को गाड़ी में  बिठाकर जाने के लिए तैयार हुआ। तभी किरण पवन से कहता है,कि पापा आप दादा जी को कहां ले जा रहे हो मैं भी आऊंगा।

पवन किरण को डांटते हुए कहता है,कि मैं दादाजी को वैद्य के पास ले जा रहा हूं, तुम नहीं आ सकते, चुपचाप अंदर चले जाओ नहीं तो मार खाओगे।

फिर गाड़ी जाने लगी उसके पीछे पीछे किरण भी जाने लगा।

गाड़ी जंगल पहुंची और पवन गाड़ी से उतरकर गड्ढा खोदने लगा यह देखकर किरण पवन के पास गया।

तब पवन डांटते हुए कहता है कि तुम यहां कैसे आए चलो घर तुम्हारी खबर लेता हूं, और गड्ढा खोदने लगता है किरण पावन से पूछता है,कि यह गड्ढा क्यों खोद रहे हो बापू।

पवन सोचता है,कि इससे पीछा छुड़ाने के लिए कोई झूठ बोलना पड़ेगा, और कहता है,कि जब आदमी बुड्ढा हो जाता है तो उसको गड्ढे में दफनाने पड़ता है दादाजी बुड्ढे हो गए हैं तो उसके लिए खोद रहा हूं।

तब किरण भी एक कुदाल लेकर एक और गड्ढा खोदने लगता है उसको देखकर पवन कहता है,कि तुम यह क्या कर रहे हो, तुम यहां गड्ढा क्यों खोद रहे हो?

किरण कहता है,कि आप ही ने तो कहा था कि बुड्ढे होने के बाद उसे दफना आना पड़ता है तो आप भी तो कल बुड्ढे हो जाओगे आपको भी तो दफनाना पड़ेगा।

यह बात सुनकर किरण चौक गया।

किरण कहता है,कि बापू क्या मैं नहीं जानता कि आदमी के मरने के बाद ही उसे दफनाया जाता है मुझे घिन आती है कि मैं आपका बेटा हूं अपने बाप को जिंदा दफनाना चाहते हो ।शर्म नहीं आती दादा जी ने कितने प्यार से आपको पाला पोसा होगा दादाजी की संपत्ति आपको चाहिए, उनकी जरूरत नहीं है । तुमने अपने पिता जी के साथ किया वह मैं तुम्हारे साथ क्यों ना करूं, धिक्कार है आप पर।

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पवन कहता है कि माफ करो बेटा मैं जान गया कि बच्चे मां बाप से ही सीखते हैं, अब मैं उनको कभी तंग नहीं करूंगा, उस दिन से सुवर्णा भी अपने पति के साथ अपने ससुर की अच्छी से देखभाल करने लगी।

बाप को बेटे ने शिक्षा दी



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आज की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि वह हमें कितने प्यार से पाल पोस कर बड़ा करते हैं।

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