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जादुई खरगोश की कहानी-jadui khargosh ki kahani video mein

जादुई खरगोश की कहानी-jadui khargosh ki kahani video mein


जादुई खरगोश

Video source- yotube|video by- scooby tv

जादुई खरगोश

बालापुर नाम के एक गांव में राजान नाम का एक गरीब आदमी रहता था, वह बहुत ही गरीब था, उसकी एक सुंदर बेटी भी थी, जो शादी के लायक हो चुकी थी, वह अपनी बेटी का शादी तो करना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे ,इसलिए वह हमेशा चिंतित रहता था।

एक दिन
राजन अपने पास के गांव वाले एक दोस्त से पैसे उधार लेने चला गया और जब वो रास्ते से जा ही रहा था, तब वह रास्ते में एक सुनहरी खरगोश को जाल में फंसा देखता है, फिर वह उस खरगोश को छुड़ाने के लिए उसके पास जाता है और फिर उस जाल को काट देता है, खरगोश को छुड़ा लेता है।

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जैसे ही वह खरगोश को चूड़ाता है, वह खरगोश एक देवी के रूप में प्रकट हो जाती है, और फिर वह देवी राजन से कहती है, कि मानव मुझे श्राप मिलने के कारण मैं खरगोश बन गई थी, और मानव स्पर्श मिलने के कारण मैं पुनः देवी रूप में प्रकट हो गई हूं, तुमने मुझे श्राप मुक्त किया है, मैं तुम्हारी आभारी हूं, मैं तुम्हें कुछ स्वर्ण मुद्राएं देती हूं, तुम इसे ले लो और अपना जीवन यापन करो।

जैसे ही राजान अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाता है, उसका हाथ सोने की स्वर्ण मुद्राओं से एक पोटली में देवी स्वर्ण मुद्राएं उसे दे देती है, और वह स्वर्ण मुद्राएं पोटली में लेकर चला जाता है ।

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जब रास्ते में जा रहा था, तब लगभग शाम हो चुकी थी और एक आदमी उससे कहता है, कि आप हमारे सराई में रुक जाइए, शाम हो गया है। पैसों के साथ रात के समय शहर करना ठीक नहीं होगा। 2 स्वर्ण मुद्राएं मुझे दे देना और रात हमारे यहां रुक कर खाना खा कर आराम कर लीजिए।

राजन सोचता है


 हां-हां यह आदमी सही बोल रहा है, पैसों के साथ शाम को के समय सफर करना ठीक नहीं है। मुझे रात यहीं रुक जाना चाहिए और आराम कर लेना चाहिए । तो सुबह होते ही मैं यहां से निकल जाऊंगा और फिर वह राजन उस आदमी के साथ चले जाता है।

उस रात को राजन बड़े आराम से सो जाता है, और जब वह गहरी नींद में होता है, तब वह आदमी चुपके से आकर उसके स्वर्ण मुद्राओं से भरी पोटली को चुपके से उठा लेता है।

और जब सुबह होती है, तब राजा अब पोटली को अपने पास ना पाकर अचंभित हो जाता है, और उतनी ही समय वह आदमी भी आ जाता है,  वह राजा ने उस आदमी को सारी बात बता देता है और कहता है, कि कुंडी तो अंदर से बंद थी अतः घर का ही कोई चोर है।

तब वह आदमी कहता है, कि मैं यह सरई बहुत दिनों से चला रहा हूं, तुम मुझे ही चोर क्यों कह रहे हो, चलो राजा के पास अभी इंसाफ हो जाएगा।

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यह दोनों राजा के पास चले जाते हैं और फिर राजा को अपनी सारी घटना बता देते हैं, राजा महामंत्री से कहते हैं, कि महामंत्री आप इन दोनों की बातों को सुनकर न्याय कीजिए। महामंत्री कहते हैं, कि आज रात इन दोनों पीपा वाले कक्ष में बिताएंगे और फिर कल इनका न्याय होगा।

वे दोनों पीपा वाले कक्ष में चले जाते हैं ल, और वह आदमी राजन से कहता है, कि क्यों बुढ्ढे मैंने कितनी अच्छी सफाई से झूठ बोला और कल भी मैं ऐसा ही झूठ बोलूंगा, तुम कुछ नहीं कर पाओगे और फिर राजन कहता है, कि वह मेरी बेटी की शादी के मुद्राएं हैं, मुझे दे दो।

फिर अगले दिन

 वह पुनः राजभवन में लौट आ जाते हैं, आखिर राजन मायावी पीपा से कहता है, कि मैं सच बोल रहा हूं, यह मेरे पैसे चुराया है, पीपा कुछ नहीं बोलता । तब वह आदमी कहता है, कि महाराज यह झूठ बोल रहा है, तभी पीपा ने कुछ नहीं कहा। तभी पीछे से महामंत्री निकले और उस आदमी से कहा कि दंडी इसे नहीं तुम्हें मिलेगा। क्योंकि चोरी तुमने की है, मैं कल रात से ही तुम दोनों की बात सुन रहा था, चोरी तुमने की है।

और फिर महाराज उस आदमी से स्वर्ण मुद्राएं लेकर राजन को दे देते हैं, उसे दस्सा उस आदमी को 10 साल के लिए काला कारागार में डाल देते हैं, और राजन धूमधाम से अपनी बेटी का शादी करता है और खुशी से जीवन यापन करता है।

तुम्हेंआज की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती, हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए, ना ही किसी को ठगना चाहिए।

जादुई खरगोश की कहानी-jadui khargosh ki kahani video mein
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