jadui darwaza story in hindi kahani video- ( जादुई दरवाजा के )
jadui darwaza
कनकपुर नाम के एक गांव में एक दार जादुई दरवाजा खुलता है, उसमें से एक जादुई भैंस बाहर निकलता है, कुछ दूर जाकर वह एक साधारण भैंस बन जाता है।
उसी गांव में एक छोटा लड़का रहता है, उसका नाम गुड्डू रहता है, बचपन में उसके माता पिता गुजर गए होते हैंज़ तभी से वह छोटी सी झोपड़ी बनाकर उसी में अपना गुजारा करता था।
एक दिन वह भैंस गुड्डू के घर के पास से गुजर रहा था, तभी चार पांच लड़की लड़के उसे पत्थर फेंक फेंक कर मार रहे थे, वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था, तभी गुड्डू घर से बाहर निकला और फिर वह चिल्लाने लगा कोई इस बेल को बचाओ यह बदमाश बच्चे इसे मार रहे हैं।
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फिर कुछ देर में वहां भीड़ इकट्ठी हो जाती है और भी बदमाश बच्चे भाग जाते हैं, फिर गुड्डू उस भैंस से कहता है, कि अब तुम अपने घर जा सकते हो, वह लोग यहां से चले गए हैं, अब डरने की कोई बात नहीं है।
यह सब बात वह बदमाश लड़का चुपचाप सुन रहा होता है, और कहता है, कि इस गुड्डू को तो बताना ही पड़ेग, कि हम लोग क्या हैं।
फिर (jadui darwaza)
जब गुड्डू अपने घर की ओर जा रहा होता है, तब भैंस भी धीरे-धीरे दबे पांव उसकी ओर ही जा रहा था, गुड्डू जब पीछे मुड़कर देखता है, तो उसे पता चलता है, कि वह भैंस भी उसके पीछे-पीछे आ रहा है।
गुड्डू भैंस से कहता है, कि चलो तुम अपने घर जाओ। मेरे पीछे मत आओ, मेरे पास कुछ नहीं है तुम्हें खिलाने के लिए। मैं खुद ही झोपड़ी में रहता हूं, मेरे पीछे आने से कुछ फायदा नहीं होगा, अब जाओ तुम।
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फिर से जब गुड्डू अपने घर की ओर बढ़ता है, तो बैल भी धीरे-धीरे उसी के साथ चलने लगता है, फिर गुड्डू मुड़कर देखता है, तो भैंस को कहता है, कि अच्छा ठीक है, तुम मेरे साथ आ सकते हो, लेकिन मेरे पास तुम्हें खिलाने के लिए कुछ नहीं है।
फिर गुड्डू और भैंस दोनों उसके घर की ओर जा रहे होते हैं, और अगली तरह यह बदमाश लड़का कुछ गुंडों को गुड्डू को सबक सिखाने के लिए उसे जब वह उस रास्ते से गुजरेगा, तब उसे मारने के लिए कहते हैं कहता है।
वे गुंडे उस रास्ते में खड़े थे और गुड्डू और भैंस को पता नहीं था, कि वे उस रास्ते में खड़े हैं और वे अज्ञात उस रास्ते में जा रहे थे और फिर अचानक से उस बदमाश बच्चे ने गुड्डू को कहा, अब कहां बचकर जाएगा बच्चों मारो इसे ।
फिर जब गुंडे गुड्डू को मारने के लिए आगे बढ़ रहे थे, तब वह भैंस अचानक से चमकने लगा और डायनासोर बन गया, फिर डायनासोर को देखकर सभी भाग जाते हैं और गुड्डू उस बैल से कहता है, कि वह तुमने यह कैसे किया।
तब
बैल कहता है, कि मैं जादुई नगरी से आया हूं। मैं एक जादुई मैं बैल हूं, मैं किसी भी चीज को सोने में बदल सकता हूं। मैं जो किसी भी चीज को छू लूंगा तो वह सोने में बदल जाएगा।
मैं एक जादुई दरवाजे से आया हूं, जो अब से 10 साल बाद ही खुलेगा, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारे साथ रह सकता हूं। और तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूं, तो गुड्डू कहता है, कि हां-हां तुम मेरे साथ रह सकते हो, वैसे भी मैं अकेले रहता हूं।
फिर भी दोनों साथ-साथ रहने लगे, गुड्डू मामूली से पत्थर लाता और भैंस उसे सोने के पत्थरों में बदल देता है। उन सोने के पत्थरों को बेचकर पैसे ला लेता।
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उन पैसों से एक बड़ा सा घर गाड़ी बंगला सब कुछ खरीद लेता है, और अब खुशी-खुशी जीवन यापन करता है जैसे तैसे 10 साल बीत जाते हैं, वह भैंस जादुई दरवाजे से अपनी जादुई नगरी में चले जाता है।
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