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Hindi-kahaniyan-नींबू-वाले-की-सफलता

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Hindi kahaniya
बहुत साल पहले एक गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम जिन्ना था, उसके माता पिता गुजर गए थे इसलिए वह अपने गांव को छोड़कर दूसरे गांव की सब्जी मंडी में आ जाता है, और सोचता है ये  कितना बड़ा मंडी है मैं यहीं से अपना कारोबार शुरू करके तरक्की करूंगा, लेकिन शुरू कहां से करूं मेरे पास लागत के लिए केवल ₹10 है मास्टर जी ने कहा था, कि हर ऊंचाइया छोटी कदम से ही शुरु होती है। मैं भी इस 10रु से कोई धंधा शुरू करूंगा।

फिर वह मंडी को अच्छी तरह से जांचने लगा, फिर एक सब्जी वाले के पास गया और पूछा, भैया यह नींबू कितने की दी है तो सब्जी मंडी वाला कहता है कि 10रु में 10 नींबू मिलेंगे। जिन्ना नींबू को खरीद लेता है और मंडी के कोने में जाकर कपड़े बिछा कर उसमें नींबू को बेचने लगता है और चिल्लाता है, आओ भाई आओ नींबू ले लो 15रु में 10 नींबू ले लो ताजा ताजा नींबू ले लो।

ऐसा करते-करते शाम को एक आदमी आया और 15रु में 10 नींबू ले गया फिर वह मन में सोचता है कि 10रु की लागत से ₹5 का लाभ, मुझे तो इस धंधे को आगे बढ़ाना चाहिए।

अगले दिन भी उसने ₹15 के नींबू खरीदा और उस दिन भी उसको लाभ हुआ धीरे-धीरे उसका धंधा बढ़ते गया और एक दिन वह टोकरी भर नींबू तक बेचने के काबिल हो गया।

एक दिन जब वह मंडी से वापस लौट रहा था तो रास्ते में एक टिफिन का चबूतरा देखा वहां खाने के बाद पानी पीने की व्यवस्था नहीं थी

अगले दिन वही टिफिन चबूतरा के पास ही नींबू पानी का अपना चबूतरा लगा लेता है और चिल्लाता है आओ भाई, आओ, 1रु में एक गिलास नींबू पानी पियो, प्यास बुझाओ।

अब जब भी कोई चिकन खाने आता है तो उसके पास नींबू पानी जरूर पीते हैं इस तरह देखते देखते महीने भर में उसकी अच्छी खासी कमाई हो गई यह देख जीन्ना बहुत खुश हुआ।

इस तरह सुबह-शाम नींबू पानी बेचता था और बचे हुए समय में मंडी में जाकर नींबू बेचता था कई साल तक जिन्ना यही काम करता रहा फिर वहां धीरे-धीरे बड़ा होता गया और उसका धंधा भी बड़ा होता गया।

1 दिन मंडी में उसके पास एक महाशय आए और कहते हैं, कि तुम जानते हो मैं कौन हूँ मैं इस मंडी के चेयरमैन हूँ तब जीन्ना  कहता है कि हां हां आप को कौन नहीं जानता, मैं तो आपको बचपन से ही देख रहा हूं। फिर चेयरमैन कहता है कि हां बच्चे मैं भी तुम्हारी तरक्की को देखकर खुश हुआ हूं। तुम जब यहां आए थे तो अनाथ थे तुम्हारी मेहनत लगन और दृढ़ निश्चय ने जी तुम्हें इस मुकाम पर लाया है।

चेयरमैन उस लड़की को अपनी बेटी से शादी करने के लिए कहता है तब जिन्ना कहता है कि हां हां इसके लिए मैं मना कैसे कर सकता हूं, आप मुझ जैसे आना तो को अपने परिवार में शामिल करने लायक समझे हो, इससे अच्छी बात क्या हो सकती है, मुझे यह रिश्ता मंजूर है ऐसा कहता है।

फिर जिन्ना की शादी धूमधाम से हो जाती है और जिन्न अपने ससुर की मदद से अपने कारोबार को और बढ़ाया और धन और ऐश्वर्य कमाया।

कहानी का शिक्षा यह है कि कारोबार केवल पैसों से ही नहीं बल्कि उसके लिए मेहनत लगन और दृढ़ निश्चय होना आवश्यक है ।

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