बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ hindi
छोटी बहेनvideo source- youtube| video by- majedar kahani
Kahani : किस्मतपुर नाम के गांव में सोना और मीना नाम की दो छोटी बच्चियां रहती थी, मीना 12 साल की थी और सोना 7 साल की । बचपन में उनके माता-पिता गुजर गए थे, इसलिए उनके दादाजी ही सब कुछ थे । और मीना इसी कारण से अपनी छोटी बहन का अच्छे से ख्याल रखती थी, लेकिन सोना मीना से हर बात पर जलती थी।
एक दिन उनके दादाजी ने पैसे दिए ताकि वह कुछ खरीद कर खा सके, वे दोनों पैसा लेकर बाजार गए और एक खिलौने की दुकान पर देखकर मीना ने कहा अरे वाह यह खिलौने कितने अच्छे हैं, इन्हें मैं जरूर लूंगी। फिर सोना ने कहा कि मुझे भी वही खिलोना पसंद है, मैं उसे ही लूंगी आप कोई और खिलौना ले लो फिर मीना मान जाती है।
फिर जब मीना दूसरे खिलौना पसंद करती है, तो सोना भी उसी खिलौने को पसंद करती है। और कहती है, कि मुझे दोनों खिलौने चाहिए । फिर मीना कहती है, कि दादाजी ने हम दोनों को एक ही खिलौने दिन खरीदने का पैसा दिया है।
मीना ने कहा ठीक है, दोनों खिलौने तुम रख लो मुझे तो केवल अपनी बहन की खुशी चाहिए। वे दोनों घर चले गए।
धीरे-धीरे वे बड़े होने लगे।
एक दिन उनके दादाजी ने कहा, कि बेटा भूल गए हो क्या जीन्ना के घर में शादी है जल्दी जल्दी तैयार हो जाओ, मीना तैयार होने लगी और फिर सोना नहीं उसे देख कर कहा, कि सब कहते हैं मीना मुझसे सुंदर दिखती है। हां आप पता चला यह मेकअप के कारण ही सुंदर दिखती है, ऐसा कहती है।
और मीना के तैयार होने के बाद वह खुद ही मेकअप लगाने के लिए बैठ जाती है,लेकिन उसे मेकअप लगाना नहीं आता था, जिसके कारण उसका पूरा चेहरा खराब हो गया।
और जब वे रास्ते से जा रहे थे, तब एक महिला ने कहा कि आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो मीना। और फिर सोना को कहती है क्यों रे बंदरिया पूरी बंदरिया ही दिख रही है, अपनी दीदी से मेकअप सीख लेना। यह सुनकर सोना तिलमिला उठी।
एक दिन मीना को उसके दादाजी ने दुकान खोलने के लिए पैसे दिए और बोला यह लो बेटा तुमने दुकान खोलने के लिए पैसे मांगे थे, लेकिन तुम्हें तो कुछ आता भी नहीं है अच्छी सी दुकान चलाना।
फिर सोना कहती है, कि आपने मुझसे बिना पूछे उसे कैसे पैसे दे दिए इस जायदाद में मेरा भी हिस्सा है, मुझे भी दुकान खोलने के लिए पैसे चाहिए।
फिर मीना सोना को समझाते हुए कहती है, कि तुम बिना अनुभव के कैसे दुकान खोलोगे। मैंने तो प्रशिक्षण लिया है इसीलिए मैं व्यापार कर रही हूं। फिर सोना भड़कते हुए कहती है, कि जब आप दुकान खोल सकती हो तो मैं भी दुकान खुल सकती हूं। मुझे भी पैसे चाहिए।
फिर दोनों एक साथ दुकान खोलने लगे और दोनों के पास ग्राहक आने लगे। फिर एक ग्राहक ने मीना से कहा कि बेटी मीना तुम्हारे द्वारा दिए हुए साड़ी को देखकर सब इसका तारीफ कर रहे थे, सब तुम से ही साड़ी लेना चाहते हैं।
यह सब देख सोना गुस्से में और भी ज्यादा ईर्ष्या करने लगी।
एक दिन उसके दुकान में कुछ महिलाएं आए और उससे कहा कि क्यो री सोना तुम्हें जब व्यापार करना नहीं आता तो क्यों दुकान खोली। मेरी पूरी सारी बर्बाद कर दी अभी दुकान बंद कर वरना शिकायत कर दूंगी।
सोना के पास और कोई उपाय ना बचने के कारण उसे दुकान बंद करना पड़ा।
तो बच्चों आज की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है, कि हमें किसी की सफलता देखकर उसे प्रोत्साहित होना चाहिए, ना कि उसे चलना चाहिए।
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chhote bachho ki kahani in hindi


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